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शैतानी गुड़िया

आज पीहू अपनी मां से बहुत गुस्सा थी।

रजनी: बेटा पीहू खाना खा लो बच्चे |
पीहू:  नहीं मुझे गुड़िया खरीद वाओ पहले|
रजनी:  बेटा शाम को चलेंगे पापा के साथ|
पीहू:  नहीं पहले गुड़िया|

बहुत मुश्किल से पीहू  ने उस दिन खाना खाया शाम को पापा के आते ही

पीहू:  मुझे गुड़िया चाहिए पापा
राजेश : गुड़िया को गुड़िया की क्या जरूरत है बच्चे
रजनी: चलिए दिलवा लाएं आज दिनभर इसने आतंक मचाया है खाना भी बड़ी मुश्किल से खाया है
राजेश : पर रजनी आज सारा बाजार बंद है
पीहू (रोते हुए) : नहीं मुझे आज ही चाहिए

पीहू की जिद के कारण रजनी और राजेश बाजार गए पर सारा बाजार बंद था तभी उनको एक दुकान दिखाई दी वह लोग अंदर गए: 

राजेश: अरे! कोई है दुकान में?
रजनी : बड़ी डरावनी सी दुकान है
राजेश:  सुनिए कोई है यहां

तभी अचानक से एक बुड्ढा आया वह काफी डरावना था।

बुड्ढा : क्या चाहिए तुमको
राजेश (थोड़ा हिचकीचाते हुए ): जी मेरी 5 साल की बेटी है उसके लिए गुड़िया दिखाइए।

बुड्ढा :अच्छा कहां है तुम्हारी बिटिया?
रजनी : पीहू .......कहां है पीहू सुनिए पीहू नहीं दिख रही।

दोनों ने ढूंढा तो वह एक गुड़िया को एकटक देख रही थी।

रजनी : पीहू यहां क्यों आई मम्मा-  पापा डर गए थे।
पीहू : मम्मा मुझे यह गुड़िया चाहिए।

राजेश : सुनिए यह गुड़िया पैक कर दीजिए।

बुड्ढा ( रहस्यमी हंसता हुआ):  तुमको पक्का यह चाहिए सोच लो

राजेश : सोचना क्या है मेरी बेटी ने बोल दिया तो मतलब खरीदना है।
बुड्ढा : लगता है बहुत प्यार करते हो अपनी बेटी से।

लोग दुकान से बाहर आ गए रजनी कुछ बेचैन थी पर पीहू बहुत खुश थी रात हो गई थी तो रजनी पीहू को सुला कर सो गई।

अचानक रात में: 

रजनी : अरे पीहू कहां गई ?पीहू...... पीहू... बेटा कहां हो?

मैं उठी उसने पूरा घर देखा लेकिन पीयू कहीं नहीं दिखाई पड़ रही थी उसने राजेश को उठाया 20 मिनट बाद पीहू की हंसी सुनाई पड़ी वह दोनों आवाज की तरफ भागे पीहू सीढ़ी के नीचे बैठी थी।

राजेश:  पीहू बेटा
रजनी :पीहू यहां क्यों बैठी हो बच्चे?

मैं एकदम खेलने में मगन थी, अचानक :

पीहू: मम्मा मैं यहां गौरी के साथ खेल रही हूं
रजनी: अच्छा तो तुमने इसका नाम गौरी रखा है और कमरे से यहां क्यों आ गई बच्चे?

पीहू : मम्मा गौरी मेरे को यहां लेकर आई थी उसका खेलने का मन कर रहा था।

राजेश व रजनी ने बच्चे की बात सुन उसको अनसुना कर दिया और उसको कमरे में ले गए अब यह हर रात होने लगा था राजेश ऐसा नजरअंदाज कर रहा था पर रजनी कुछ परेशान थी 1 दिन : 

रजनी :सुनिए मुझे यह  गुड़िया कुछ ठीक नहीं लगती
राजेश : फालतू की बात मत करो रजनी वह सिर्फ एक खिलौना है।

शैतानी गुड़िया

उसी रात : 

रजनी : राजेश उठिए।
राजेश : क्या है?
रजनी :  पीहू गायब है
राजेश :  अरे!  देखो सीढ़ी के नीचे होगी।
रजनी : वहां नहीं है।

राजेश घबराकर उठा पूरे घर में वह कहीं ना थी वह दोनों हड़बड़ा गए थे तभी अचानक रजनी की नजर लगी खिड़की से बाहर गई हूं घर के बगीचे में लगी है पेड़ के सामने खड़ी हुई थी दोनों वहां भाग्य तो देखा कि वह पेड़ पर गुड़िया को रखकर कुछ बोल रही थी दोनों ने पीहू को आवाज दी पर ऐसा लग रहा था कि पीहू अनसुना कर रही थी अब राजेश और रजनी दोनों काफी डर गए थे।

अचानक : 

पीहू:  मम्मा देखो गौरी गुस्सा हो गई है वह बाहर आ गई है।
रजनी (डर कर हाथ खींचते हुए):  पीहू अंदर चलो।
पीहू (अजीब सी आवाज में )नहीं मेरे दोस्त कहीं नहीं जाएगी। 
रजनी : पीहू क्या बोल रही हो?
पीहू ( उसी आवाज में) : नहीं वह कहीं  नही जाएगी।


और इतना कहते ही पीहू अचानक पेड़ पर चढ़ गई यह देखकर रजनी व राजेश के होत सा हो सकता हो गए कुछ देर बाद पीहू पेड़ से गिर गई उसके सर में चोट लगी राजेश ने उसको प्राथमिक उपचार दिया पर अगली सुबह जब उठे तो देखा कि पीहू के झूठ बिल्कुल ठीक हो चुकी थी राजेश्वर रजनी उस गुड़िया को वापस करने उसी दुकान पर गए पर वहां कोई दुकान नाती आसपास पता करने पर पता चला कि 15 साल पहले वह दुकान जल गई थी और वहां पर अब केवल पुराना खंडहर पड़ा हुआ है फिर वहां कभी कोई दुकान नहीं लग पाई ना ही वहां पर कोई कब्जा कर पाया अब राजेश व रजनी बहुत डर गए थे वह घर की ओर भागे। 

उसी राज राजेश्वर रजनी को नींद ना आए उन्होंने पीहू को सुला दिया था जगते जगते मैं दोनों कब सो गए पता ही ना चला अचानक राजेश की आंख खुली: 

राजेश : रजनी उठो पीहू गायब है।
रजनी : बाहर चलो

मैं दोनों बाहर की ओर भागे तू आज भी उसी पेड़ के पास खड़ी थी। उसके सामने वही गुड़िया रखी थी पर इस बार जो हुआ उसे देख कर सब बदल गया उन्होंने देखा कि पीयू एक कौवा खा रही है और उसकी आंखें लाल थी वह फिर उन दोनों को देखकर पेड़ पर चढ़ गई अब राजेश और रजनी बहुत ज्यादा डर चुके थे उसके दांतों से खून टपक रहा था 15 मिनट बाद पेरू फिर से पेड़ से गिरी।

पर इस बार सब बदल गया था तब से पीहू एक पत्थर बनकर रह गई है उन्होंने कई डॉक्टर व तांत्रिकों की सहायता ली परंतु कुछ फायदा ना हुआ ना ही कुछ पता चला कि क्या हुआ है पर रजनी को अभी भी है लगता है कि उसकी बच्ची 1 दिन ठीक हो जाएगी।

उस रात के बाद से वह शैतानी गुड़िया भी गायब है शायद निकल पड़ी है वह किसी और बच्चे की तलाश में.........



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1 Comments

Author Pawan saxena

14-Mar-2021 10:47 PM

Best story sir

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